धीमी-धीमी रफतार से विकास की चल रही गाडी के फलक पर मध्यप्रदेश 01 नवंबर 2011 को राज्य 55 साल का सफर पूरा कर लेगा। हर साल की भांति इस वर्ष भी जश्न ही जश्न की तैयारियां है। वर्षों बाद मध्यप्रदेश की सालगिरह जोर-शोर से मनाने का सिलसिला भाजपा सरकार में रफतार पकडा है। भले ही विकास की ललक अभी भी आम आदमी में मौजू नहीं है, लेकिन नेत़त्वकर्ताओं में राज्य को लेकर जज्वां पैदा होने लगा है। अब विकास पर बहस होने लगी है, नेत़त्व से सवाल-जवाब होने लगे है, पिछले एक दशक में केंद्र की राजनीति में मध्यप्रदेश नक्षत्र की भांति चमक रहा है। राज्य की उपेक्षा पर केंद्र से सवाल जवाब किये जा रहे हैं। इस बार जश्न में शामिल होने के लिए जानी-मानी गीतकार आशा घोसलें और फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी भोपाल आ रही हैं। हर साल की तरह भोपाल में ही लाल परेड मैदान पर जबर्दस्त जश्न होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर राज्य की सालगिरह का केंद्रित विषय बेटी बचाओ अभियान है। चौहान हर साल किसी न किसी विषय पर केंद्रित सालगिरह मनाते है। इससे पहले जल संरक्षण,हरियाली महोत्सव, गांव में स्वच्छता एवं सफाई अभियान, उर्जा संरक्षण एवं बिजली का व्यय रोकना,नशा-मुक्ति सहित आदि शामिल हैं। चौहान पहले मुख्यमंत्री है,जिन्होंने आओ मध्यप्रदेश बनाये का अभियान छेडा है,इस अभियान में वे लगातार लोगों से मिलकर संवाद करते हैं। निश्चित से मप्र की विकास गति जिस रफतार से होनी चाहिए थी,उसमें कहीं न कहीं खामी है तभी तो मप्र के बाद बने राज्य हरियाणा, पंजाब और गुजरात आज देश के फलक पर चमक रहे हैं,जबकि मप्र अभी भी पिछडा राज्य की संज्ञा से नबाजा जाता है। इस दिशा में राज्य को अभी भी कई आयाम स्थापित करना है,जिसकी पहल शुरू हो चुकी है।
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