बुधवार, 17 अगस्त 2011

अन्‍ना की आंधी मध्‍यप्रदेश में भी गूंजी

         गांधीवादी बुजुर्ग अन्‍ना हजारे की आंधी मप्र में ऐसी गूंजी की चारों तरफ अन्‍ना ही अन्‍ना का शोर-गोल सुनाई दे रहा है। हर तरफ हाथों में तिरंगा झण्‍डा लिये नौजवानों की टोलियां चौराहों और गलियों में घूम रही हैं। राष्‍ट्रीयता की भावना से ओतप्रोत लोगों का हुजूम यह बता रहा है कि भ्रष्‍टाचार को लेकर अब लोग आर और पार की लडाई लडने के मूड में आ गये हैं। अमूमन प्रदेश में राष्‍ट्रीय घटनाओं का असर होता है,लेकिन लंबे अरसे बाद एक गैर राजनीतिक शख्सियत अन्‍ना हजारे के आहवान पर 16 अगस्‍त को राजधानी में आधा दर्जन से अधिक स्‍थलों पर टुकडो-टुकडों में लोगों ने धरना प्रदर्शन में हिस्‍सा लिया तो रात में मशाल जूलुस निकाला। इन सभी स्‍थानों पर नौजवानों की अच्‍छी खासी भीड नजर आई। प्रदेश में 90 के दशक से दो बडे आंदोलन लोगों ने देखे हैं,जिसमें राम मंदिर और आरक्षण आंदोलन शामिल हैं। इन दोनों आंदोलनों में जन समुदाय की भागीदारी थी,जो कि अब भ्रष्‍टाचार के खिलाफ एक बार फिर साफतौर पर नजर आ रही है। टीवी के एक पत्रकार ने चाय पीते हुए कहा कि पिपरियां जैसे छोटे से गांव में एक दर्जन लोगों की गिरफतारी यह साबित कर रही है कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लोग मैदान में ताल ठोककर आ गये है। राज्‍य मे स्‍वयंसेवी संगठनों की संख्‍या तो हजारों में है,लेकिन अन्‍ना की मुहिम ने वहीं एनजीओ सामने आ रहे हैं, जो कि सरकारी मदद की दरकार के मोहताज नहीं है, वे तो अपनी भूमिका अदा कर रहे हैं। एनजीओ सर्किल में खासी अहम भूमिका अदा कर रहे सचिन जैन कहते हैं कि मध्‍यप्रदेश में अन्‍ना की आंधी चल पडी है और लोग अपने आप सडकों पर आ रहे हैं। निश्चित रूप से अन्‍ना का आंदोलन एक नये पडाव की ओर बढ रहा है,जो कि समाज को एक नई दिशा देगा। इसमें मध्‍यप्रदेश की भी अहम भूमिका होगी। जय हो मध्‍यप्रदेश की।

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