
दिग्विजय बनाम सिंधिया :
मध्यप्रदेश की कांग्रेस राजनीति में दिग्विजय सिंह बनाम सिंधिया के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है। पिछले नौ सालों में जब-जब दोनों को मौके मिले हैं,तो दोनों ने एक-दूसरे पर तीखे बार करने का मौका हाथ से नहीं जाने दिया है। हालात इस कदर इन नेताओं के बीच बिगड़ चुके हैं कि दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ जंग तक छेड़ दी थी। बीच में कांग्रेस अध्यक्षता श्रीमती सोनिया गांधी को आना पड़ा, तब जाकर विवाद शांत हुआ था। मध्यप्रदेश की राजनीति आज पूरी तरह से दिग्विजय सिंह के ईद-गिर्द घूम रही है। इसके बाद भी ऐसे नेता भी हैं, जो कि दिग्विजय सिंह के साथ कदमताल करने को तैयार नहीं हैं। उनमें केंद्रीय मंत्री कमलनाथ, केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी शामिल हैं। दिग्विजय सिंह ने इस वक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक दल पर अपने समर्थकों को बैठा रखा है। इसके बाद भी कांग्रेस के नेता ''अपनी ढपली अपना राग'' गाने में एक पल की भी देरी नहीं करते हैं और वे अपने-अपने हिसाब से राजनीति कर रहे हैं। यही दिग्विजय सिंह को नागवार गुजरता है और फिर वे अपने हिसाब से दांव पेंच खेलते हैं, लेकिन हर बार उनका दांव कामयाब नहीं हो पाता है। यह सच है कि दिग्विजय सिंह के समर्थकों की संख्या मप्र में सबसे अधिक हैं और इसकी एक बड़ी वजह उनका दस साल तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहना है।
मिलकर कदमताल करेंगे नेता :
अब एक बार फिर से दिग्विजय सिंह चाहते हैं कि मप्र में सारे नेता मिलकर कांग्रेस की सरकार बनाने में कदमताल करें। इसके लिए नेताओं की सहमति भी है। सारा मामला टिकट वितरण पर आकर थम जायेगा। नेता अपने-अपने समर्थकों को टिकट दिलाने में कोई कौर-कसर नहीं छोड़ेंगे, ऐसी स्थिति में दिग्विजय सिंह उन लोगों को तो टिकट लेने से रोकेंगे, जिनकी वजह से पिछले बार पार्टी को कदम-कदम पर नीचा देखना पड़ा था। ऐसी स्थिति में फिर टकराव की नौबत बने, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। इस टकराव को रोकने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अप्रैल माह में अपना दौरा पूरा कर लिया है और इस बात का संकेत दे दिया है कि वह कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की रिपोर्ट पर विश्वास करेंगे। इससे भी दिग्विजय सिंह समर्थकों में बेहद उत्साह है। कुल मिलाकर कांग्रेस की राजनीति एक बार फिर करवट ले रही है अब यह किस दिशा में जायेगी, यह तो भविष्य ही बतायेगा।
^मप्र की जय हो^
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