मध्यप्रदेश के किसानों पर किसी की बुरी नजर लग गई है। जब भी किसान अपनी फसल तैयार करके बाजार में ले जाने के लिए बेताब होता है, तो मौसम अपना ऐसा रंग दिखाता है कि उसके सारे सपने ध्वस्त होने लगते हैं। ऐसा नहीं है कि यह एक बार हो रहा है, बल्कि इस साल तो गेहूं की फसल उगने से लेकर कटने तक के दौरान मौसम ने बार-बार बेरहमी का रूप दिखाया है। अब तो किसानों ने अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों में दस्तक दी थी। कई ट्रालियां मंडियों में अपनी पारी का इंतजार कर रही थी कि 19 अप्रैल को अचानक शाम को मौसम ने ऐसी करवट बदली की मंडियों में रखा गेहूं भींग गया। अब गेहूं में बारिश के कारण काले दाग लग जायेंगे, जिसके फलस्वरूप न तो उन्हें व्यापारी बेहतर दाम देंगा और न ही मंडी खरीदेगी। इसके चलते किसान को फिर लुटना-पिटना तय है। मप्र में इस बार बारिश ने होशंगाबाद, रायसेन, राजगढ़, धार, शिवपुरी आदि इलाको में हुई बारिश के कारण हजारों क्विंटल गेहूं भींग गया। कई जिलों में दो दिनों से रूक-रूक का बारिश हो रही है।
''मप्र की जय हो''
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
EXCILENT BLOG