"MPRAAG"RAJESH DUBEY JOURNALIST
''यह ब्लॉग मध्य प्रदेश की पहचान के लिए समर्पित है'' ......
गुरुवार, 4 अप्रैल 2013
टिकट कटेगा या मिलेगा संशय में भाजपा विधायक
इन दिनों मध्यप्रदेश के भाजपा विधायक पशोपेश में पड़ गये हैं, उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि पार्टी उन्हें फिर से टिकट देगी या फिर घर बैठा देगी। इस डामा-डोल की स्थिति में विधायक भी अपने-अपने गुणा-भाग में लगे हुए हैं। बार-बार विधायकों को रिपोर्टो के जरिये चेताया जा रहा है कि क्षेत्र में उनका परफार्मेन्स बेहतर नहीं है। इसके साथ ही मीडिया रिपोर्ट भी समय-समय पर सार्वजनिक हो रही है कि मिशन 2013 को फतह करने के लिए भाजपा इस बार 80 से 100 विधायकों के टिकट काट सकती है। इसके चलते विधायकों के बीच लगातार संदेह की रेखा का जाल फैलता जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी 3 अप्रैल को विधायकों से वन टू वन चर्चा करने का दौर शुरू किया। उनसे न सिर्फ क्षेत्र की समस्याएं पूछी बल्कि अब तक किये गये कार्यों की रिपोर्ट भी मांगी। इसके साथ ही वे तीन काम भी पूछे जो चुनाव से पहले करा सकते हैं और उसका लाभ पार्टी को चुनाव में मिल सकता है। इस बातचीत में मुख्यमंत्री ने विधायकों से कांग्रेस और बसपा की मौजूदगी का आंकलन भी जाना। इस माथा पच्ची से साफ जाहिर है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों से फीडबैक लेकर नये सिरे से तैयारियां कर रहे हैं। अलग-अलग संकेत मिल रहे हैं कि 25 से 40 फीसदी टिकट विधायकों के कट सकते हैं। इसका असर यह भी हो रहा है कि कई विधायकों ने अब फिर से चुनाव नहीं लड़ने का इरादा भी बना लिया है और वे अपने पुराने व्यवसाय में लौटने की जुगत में जुट गये हैं। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि जब विधायकों की रिपोर्ट कार्ड पर चर्चा हो रही है तब प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ हुआ है। इसकी वजह है उमा भारती और प्रभात झा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनना। यह दोनों नेता भाजपा की राजनीति में एक बार फिर संतुलन की राजनीति में तूफान लाने के संकेत भी दे रहे हैं। असंतुष्ट और विरोधी तबका इन नेताओं के दरबार में दस्तक देने लगा है। तब ऐसी स्थिति में प्रदेश नेतृत्व कैसे 80 से 100 विधायकों की टिकट कैसे काटेगा यह समझ से परे हैं। भाजपा नेतृत्व को भी यह आभास होने लगा है कि इस बार चुनाव के दौरान विद्रोही तेवर खूब सामने आयेंगे। उनसे निपटने के रास्ते अभी से तलाशे जा रहे हैं। कुल मिलाकर मप्र की राजनीति में भूचाल तो आ चुका है अब इसका कौन कितना लाभ लेगा यह तो वक्त ही बतायेगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
EXCILENT BLOG