भले ही प्रशासन अपनी पीठ थप-थपा ले कि उन्होंने बसंत पंचमी पर हिन्दुओं को पूजा और मुस्लमानों को नवाज पढ़वा दी हो, लेकिन एक बड़ा वर्ग इससे बेहद खफा है। इस नाराजगी का अहसास सरकार के मंत्री भी कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि भोजशाला भाजपा सरकार के लिए गले की फांस बन गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों पर विश्वास करके भोजशाला का विवाद बसंत पंचमी के दिन तो समाप्त करा दिया, लेकिन उसके बाद जो नाराजगी सामने आ रही है उसके बाद तो सरकार को अब पसीना आने लगा है।
इसके बाद शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने खुलकर प्रशासन पर तीखे बार किये हैं। विजयवर्गीय का कहना है कि बसंत पंचमी पर भोजशाला में राजधर्म का पालन तो हुआ है, लेकिन प्रशासन ने समाजधर्म नहीं निभाया। प्रशासन ने भोजशाला के बाहर लोगों को साथ ज्यादती की है। अधिकारियों की नसमझी के कारण सरकार की बदनामी हुई है। मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी होना शर्मनाक है।
इस घटनाक्रम से हिन्दु संगठन और भाजपाई भी बेहद खफा हैं। लोगों का यहां तक कहना है कि धार की घटना का असर विधानसभा चुनाव पर जरूर पड़ेगा। इसलिए मालवांचल के मंत्री विजयवर्गीय रोजाना कोई न कोई बयानबाजी कर रहे हैं। कुलमिलाकर भोजशाला का विवाद थम नहीं रहा है और यह जरूर कोई न कोई गुल खिलायेगा। सरकार के लिए तो गले की फांस बन गया है।
''मप्र की जय हो''
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